"ख़ामोशी एक ज़ुबा" जो समझ सकता कोई,तो शायद ये दिल ना, रोता अकेले बैठ यूँ ही। "ख़ामोशी एक ज़ुबा" जो समझ सकता कोई,तो शायद ये दिल ना, रोता अकेले बैठ यूँ ही।
कब बच्चा माँ से दर्द का इज़हार करता है कब खुदा से कोई दीदार करता हैख़ामोशी की ज़ुबां से ही तो हर रिश्त... कब बच्चा माँ से दर्द का इज़हार करता है कब खुदा से कोई दीदार करता हैख़ामोशी की ज़ुब...
छिड़ी एक जंग जो राजा संभाल ना पाया... अपनी प्यारी मोहब्बत को बचा ना पाया... छिड़ी एक जंग जो राजा संभाल ना पाया... अपनी प्यारी मोहब्बत को बचा ना पाया...
फिर से नए सवेरे के साथ चलेंगे एक नए उल्लास या किसी द्वन्द की ओर। फिर से नए सवेरे के साथ चलेंगे एक नए उल्लास या किसी द्वन्द की ओर।
महबूब से मुलाकात पर अब अज़ल नहीं लिखते। महबूब से मुलाकात पर अब अज़ल नहीं लिखते।
अर्सों बाद इक बात आयी है ज़ेहन में ज़रा पास आना कुछ बात करनी है। अर्सों बाद इक बात आयी है ज़ेहन में ज़रा पास आना कुछ बात करनी है।